Tuesday, September 9, 2014


सर्व-कार्य-सिद्धि जञ्जीरा मन्त्र

सर्व-कार्य-सिद्धि जञ्जीरा मन्त्र
या उस्ताद बैठो पास, काम आवै रास। ला इलाही लिल्ला हजरत वीर कौशल्या वीर, आज मज रे जालिम शुभ करम दिन करै जञ्जीर। जञ्जीर से कौन-कौन चले? बावन वीर चलें, छप्पन कलवा चलें। चौंसठ योगिनी चलें, नब्बे नारसिंह चलें। देव चलें, दानव चलें। पाँचों त्रिशेम चलें, लांगुरिया सलार चलें। भीम की गदा चले, हनुमान की हाँक चले। नाहर की धाक चलै, नहीं चलै, तो हजरत सुलेमान के तखत की दुहाई है। एक लाख अस्सी हजार पीर व पैगम्बरों की दुहाई है। चलो मन्त्र, ईश्वर वाचा। गुरु का शब्द साँचा।
विधि- उक्त मन्त्र का जप शुक्ल-पक्ष के सोमवार या मङ्गलवार से प्रारम्भ करे। कम-से-कम ५ बार नित्य करे। अथवा २१, ४१ या १०८ बार नित्य जप करे। ऐसा ४० दिन तक करे। ४० दिन के अनुष्ठान में मांस-मछली का प्रयोग न करे। जब ग्रहणआए, तब मन्त्र का जप करे। 
यह मन्त्र सभी कार्यों में काम आता है। भूत-प्रेत-बाधा हो अथवा शारीरिक-मानसिक कष्ट हो, तो उक्त मन्त्र ३ बार पढ़कर रोगी को पिलाए। मुकदमे में, यात्रा में-सभी कार्यों में इसके द्वारा सफलता मिलती है।

इच्छित कार्य में सफलता-दायक शाबर मन्त्र


इच्छित कार्य में सफलता-दायक शाबर मन्त्र
ॐ कामरू, कामाक्षा देवी, जहाँ बसे लक्ष्मी महारानी। आवे, घर में जमकर बैठे। सिद्ध होय, मेरा काज सुधारे। जो चाहूँ, सो होय। ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं फट्।
विधि- उक्त मन्त्र का जप रात्रि-काल में करें। ग्यारह दिनों के जप के पश्चात् ११ नारियलों का हवन करे। इच्छित कार्य में सफलता मिलती है।

Friday, December 13, 2013



  ऊपर दरूद शरीफ लिखा है , सवेरे बिना किसी से बोले 1100 जप करे खूब लक्ष्मी मिलेगी
 

Tuesday, July 20, 2010


पूज्य श्री जो हमारे जीवन आधार एवं प्रेरणा स्रोत है
पूज्य श्री का तंत्र मंत्र यन्त्र में निस्वार्थ कार्य समाज में अतुलनीय है पूज्य श्री के सानिध्य में पुरातन ग्रंथो का संकलन मनन हिंदी अनुवाद एवं शोध का कार्य पिछले १० वर्षो से किया जा रहा है एक पत्रिका भी प्रकाशित हो रही है नाम है साधना सिद्धि विज्ञानं आप संसथान की वेब साईट निम्न लिखित लिंक से देख सकते है

http://www.dasamahavidhyasadhakparivar.org/

Monday, June 14, 2010

।।श्री सूक्त।।

ॐ हिरण्य-वर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्।चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।

तां म आवह जात-वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्।यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।।

अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्।श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।

कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं।पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्।तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।

आदित्य-वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः।तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।

उपैतु मां दैव-सखः, कीर्तिश्च मणिना सह।प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे।।

क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्।अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।

गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्।ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि।

पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम

।श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम्।।आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे

।निच-देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्

।सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्।यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्।।यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्

।श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्।।

उपरोक्त श्रीसूक्त का एक पाठ सुबह शाम आपकी आर्थिक समस्याओ निवारण करेगा

Monday, June 7, 2010

लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र

प्रिय दोस्तों उपरोक्त लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र का १०८ बार पाठ आपको इसका अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा हो सके तो इसका एक print out निकल लेवे एवं इसका पाठ दीपक एवं धुप बत्ती जला कर लक्ष्मी गणेश की मूर्ती के सामने करे यह एक अचूक प्रयोग है
आपका अपना raju
लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र का १०८ करे और फर्क देखे

Friday, November 20, 2009

गुरुमंत्र



गुरुमंत्र
ॐ परम तत्वाय नारणाय गुरूभ्यो नमः
इस अद्भुद मन्त्र है रोज २१ बार जपे जल्द ही फायेदा होगा


आकर्षण एवं वशीकरण के प्रबल सूर्य मन्त्र
१॰ “ॐ नमो भगवते श्रीसूर्याय ह्रीं सहस्त्र-किरणाय ऐं अतुल-बल-पराक्रमाय नव-ग्रह-दश-दिक्-पाल-लक्ष्मी-देव-वाय, धर्म-कर्म-सहितायै ‘अमुक’ नाथय नाथय, मोहय मोहय, आकर्षय आकर्षय, दासानुदासं कुरु-कुरु, वश कुरु-कुरु स्वाहा।”
विधि- सुर्यदेव का ध्यान करते हुए उक्त मन्त्र का १०८ बार जप प्रतिदिन ९ दिन तक करने से ‘आकर्षण’ का कार्य सफल होता है।
२॰ “ऐं पिन्स्थां कलीं काम-पिशाचिनी शिघ्रं ‘अमुक’ ग्राह्य ग्राह्य, कामेन मम रुपेण वश्वैः विदारय विदारय, द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे बन्धय बन्धय, ॐ श्रीं फट्।”
विधि- उक्त मन्त्र को पहले पर्व, शुभ समय में २०००० जप कर सिद्ध कर लें। प्रयोग के समय ‘साध्य’ के नाम का स्मरण करते हुए प्रतिदिन १०८ बार मन्त्र जपने से ‘वशीकरण’ हो जाता है।
बजरङग वशीकरण मन्त्र
“ॐ पीर बजरङ्गी, राम लक्ष्मण के सङ्गी। जहां-जहां जाए, फतह के डङ्के बजाय। ‘अमुक’ को मोह के, मेरे पास न लाए, तो अञ्जनी का पूत न कहाय। दुहाई राम-जानकी की।”
विधि- ११ दिनों तक ११ माला उक्त मन्त्र का जप कर इसे सिद्ध कर ले। ‘राम-नवमी’ या ‘हनुमान-जयन्ती’ शुभ दिन है। प्रयोग के समय दूध या दूध निर्मित पदार्थ पर ११ बार मन्त्र पढ़कर खिला या पिला देने से, वशीकरण होगा।
आकर्षण हेतु हनुमद्-मन्त्र-तन्त्र
“ॐ अमुक-नाम्ना ॐ नमो वायु-सूनवे झटिति आकर्षय-आकर्षय स्वाहा।”
विधि- केसर, कस्तुरी, गोरोचन, रक्त-चन्दन, श्वेत-चन्दन, अम्बर, कर्पूर और तुलसी की जड़ को घिस या पीसकर स्याही बनाए। उससे द्वादश-दल-कलम जैसा ‘यन्त्र’ लिखकर उसके मध्य में, जहाँ पराग रहता है, उक्त मन्त्र को लिखे। ‘अमुक’ के स्थान पर ‘साध्य’ का नाम लिखे। बारह दलों में क्रमशः निम्न मन्त्र लिखे- १॰ हनुमते नमः, २॰ अञ्जनी-सूनवे नमः, ३॰ वायु-पुत्राय नमः, ४॰ महा-बलाय नमः, ५॰ श्रीरामेष्टाय नमः, ६॰ फाल्गुन-सखाय नमः, ७॰ पिङ्गाक्षाय नमः, ८॰ अमित-विक्रमाय नमः, ९॰ उदधि-क्रमणाय नमः, १०॰ सीता-शोक-विनाशकाय नमः, ११॰ लक्ष्मण-प्राण-दाय नमः और १२॰ दश-मुख-दर्प-हराय नमः।
यन्त्र की प्राण-प्रतिष्ठा करके षोडशोपचार पूजन करते हुए उक्त मन्त्र का ११००० जप करें। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए लाल चन्दन या तुलसी की माला से जप करें। आकर्षण हेतु अति प्रभावकारी है।
वशीकरण हेतु कामदेव मन्त्र
“ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा।”
विधि- कामदेव के उक्त मन्त्र को तीनों काल, एक-एक माला, एक मास तक जपे, तो सिद्ध हो जायेगा। प्रयोग करते समय जिसे देखकर जप करेंगे, वही वश में होगा।