Tuesday, July 20, 2010


पूज्य श्री जो हमारे जीवन आधार एवं प्रेरणा स्रोत है
पूज्य श्री का तंत्र मंत्र यन्त्र में निस्वार्थ कार्य समाज में अतुलनीय है पूज्य श्री के सानिध्य में पुरातन ग्रंथो का संकलन मनन हिंदी अनुवाद एवं शोध का कार्य पिछले १० वर्षो से किया जा रहा है एक पत्रिका भी प्रकाशित हो रही है नाम है साधना सिद्धि विज्ञानं आप संसथान की वेब साईट निम्न लिखित लिंक से देख सकते है

http://www.dasamahavidhyasadhakparivar.org/

Monday, June 14, 2010

।।श्री सूक्त।।

ॐ हिरण्य-वर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्।चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।

तां म आवह जात-वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्।यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।।

अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्।श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।

कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं।पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्।तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।

आदित्य-वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः।तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।

उपैतु मां दैव-सखः, कीर्तिश्च मणिना सह।प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे।।

क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्।अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।

गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्।ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि।

पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम

।श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम्।।आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे

।निच-देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्

।सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्।यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्।।यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्

।श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्।।

उपरोक्त श्रीसूक्त का एक पाठ सुबह शाम आपकी आर्थिक समस्याओ निवारण करेगा

Monday, June 7, 2010

लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र

प्रिय दोस्तों उपरोक्त लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र का १०८ बार पाठ आपको इसका अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा हो सके तो इसका एक print out निकल लेवे एवं इसका पाठ दीपक एवं धुप बत्ती जला कर लक्ष्मी गणेश की मूर्ती के सामने करे यह एक अचूक प्रयोग है
आपका अपना raju
लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र का १०८ करे और फर्क देखे