आप लोग को राजू सिंह का नमस्कार
आज मनुष्य अद्यातम से दूर होकर कितना बेचैन है ओ उसे ही पता है आज पैसा है धन है आराम पहुचने के लिए मशीन है लेकिन फिर भी परेशान है फिर क्या करें ..................आपनी विधा की तरफ़ हमें लौटना होगा
कैसे अगली बार
Wednesday, November 18, 2009
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